बिलकिस बानो रेप मामले में अभी सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। 11 बिलकिस बानो ने 11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार के लिये याचिका दायर की थी, उस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
आपको बता दें, बिलकिस बानो ने अपनी याचिका में 11 दोषियों को रिहा करने के फैसले को चुनौती दी थी। उसके बाद मई 2022 के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार करने की गुहार लगाई थी। उन्होंने सभी दोषियों को फिर से जेल भेजने की मांग की थी। इससे पहले बिलकिस बानो की याचिका पर सुनवाई से जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने खुद को अलग कर लिया था।
गुजरात सरकार ही क्षमा कर सकती है
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गुजरात सरकार के पास यह अधिकार है कि वह 11 दोषियों की क्षमा आवेदनों पर फैसला कर सकती है। मुकदमा कहीं भी दायर किया गया है, उससे मतलब नहीं है। वैसे मुकदमा महाराष्ट्र में दर्ज किया गया था। याचिका खारिज होने से पहले इस मामले पर तुरंत सुनवाई की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आप बार-बार एक ही मामले की मेंशनिंग मत करिए। यह बहुत परेशान करने वाला मामला है।
आपको बता दें, इससे पहले बिलकिस बानो ने कहा था कि उनके और उनके परिवार के 7 लोगों से जुड़े मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई के न्याय पर उनका भरोसा टूट गया है। बिलकिस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के 7 लोगों की हत्या के मामले के दोषी सभी 11 लोगों को भाजपा गुजरात सरकार ने माफी दे दी थी, जिसके बाद 15 अगस्त को दोषियों को गोधरा उप-कारागार से रिहा कर दिया गया था।
उनके भले के बारे में किसी ने नहीं सोचा- बिल्किस
बिल्किस बानो ने गुजरात सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए बीते दिनों कहा था कि ‘इतना बड़ा और अन्यायपूर्ण फैसला’ लेने से पहले किसी ने उनकी सुरक्षा के बारे में एक बार भी नहीं पूछा और न ही उनके भले के बारे में सोचा। उन्होंने गुजरात सरकार से इस फैसले को बदलने और उन्हें ‘बिना डर के शांति से जीने’ का अधिकार देने को कहा है।
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