समाजवादी पार्टी में शायद मजबूत नेताओं का अकाल पड़ा हुआ है। अब 17 में से 8 नगर निगमों के महापौर पद के लिए पार्टी की तरफ से जो सूची जारी हुई, वह ये बताती है कि समाजवादी पार्टी अब हाशिए पर चली गई है।
निकाय चुनाव 2023-2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। 2017 के निकाय चुनावों में समाजवादी पार्टी यूपी में एक भी अपना मेयर नहीं बना पाई। लिहाजा, ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि पार्टी इस बार मजबूत दावेदारों के साथ उतरेगी। हालांकि अब जब दावेदारों की फेहरिस्त सामने आई है तो उसे देखकर यही लगता है कि समाजवादी पार्टी ने पहले ही हार मान ली है क्योंकि लिस्ट में ऐसा एक भी नाम नहीं है, जो मजबूती से अपनी दावेदारी ठोक रहा है।
इस लिस्ट पर ग़ौर फरमाएं तो 1 नाम सामने आता है काजल निषाद का। काजल निषाद को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर से महापौर पद के लिए उतारा गया है। काजल निषाद एक भोजपुरी एक्ट्रेस हैं, जब उन्हें भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में फेम नहीं मिला तो उन्होंने सियासत के बहाने अपनी डूबती नैया को बचाने की कोशिश की। 2012 में कांग्रेस के टिकट पर और 2022 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर वह विधायक बनने के लिए चुनावी मैदान में उतरीं। हालांकि दोनों ही बार उन्हें मुंह की खानी पड़ी और अब तीसरी बार वो राजनीति में अपना भाग्य आज़माने जा रही हैं।
अब सवाल यह आता है कि काजल निषाद को बार-बार मौके आखिर क्यों दिए जा रहे हैं और इस बार तो उन पर उस सीट पर खड़ा किया गया है, जहां पिछड़ों का नहीं बल्कि शुरू से ही कायस्थों का रसूख रहा है। दरअसल, गोरखपुर लोकसभा में निषाद वोटरों की तादात तो काफी है और किसी भी उम्मीदवार के हार जीत का दारोमदार उनके ऊपर रहता है लेकिन बात की जाये नगर निगम क्षेत्र की तो निषाद वोटर यहाँ निर्णायक वोटर की भूमिका में नहीं है। जबकि हार जीत का रास्ता वैश्य, कायस्थ और ब्राह्मण तय करते हैं और ये तीनों ही जातियाँ भाजपा की समर्थक मानी जाती है। तो यह साफ तौर पर समझा जा सकता है कि अखिलेश यादव का दांव यहां हरगिज़ नहीं चलेगा।
बहरहाल, काजल निषाद को गोरखपुर से प्रत्याशी बनाने से सपा में अंतरकलह की बात भी कही जा रही है। गोरखपुर में और भी समाजवादी नेता थे जिन पर विचार किया जा सकता था लेकिन सपा ने उन पर दांव लगाया, जो एक्टिंग में तो फ्लॉप थीं हीं राजनीति में अलग फ्लॉप थीं। खैर अब इस बार वो कितनी 'हिट' साबित होती हैं यह देखना दिलचस्प होगा।
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