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एनकाउंटर में मारे गए माफिया अनिल दुजाना की क्या है पूरी कहानी

 

योगी आदित्यनाथ जो कहते हैं वो करते भी हैं। जब उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, उसी वक्त कह दिया था कि माफिया या तो अपराध छोड़ दें या यूपी छोड़ दें और अभी हाल ही में विधानसभा में उन्होंने कहा था कि माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे। उनके इस बयान के बाद यूपी के सबसे खूंखार माफिया अतीक अहमद का जो हश्र हुआ वो आज हम सबके सामने है। वो बात अलग है कि अतीक की हत्या करने वाले अज्ञात हैं लेकिन इसका क्रेडिट सीधे-सीधे सरकार को ही दिया जा रहा है।

 

अब योगी पुलिस ने अपनी बनाई लिस्ट पर काम करना शुरू कर दिया है और सबसे पहले इसकी भेंट माफिया अनिल दुजाना चढ़ा है। ग्रेटर नोएडा के कुख्यात बदमाश अनिल दुजाना को यूपी एसटीफ ने मेरठ में एनकाउंटर में मार गिराया है। हत्या के एक मामले में अनिल दुजाना 2021 में जमानत पर जेल से बाहर आया था और तभी से फरार चल रहा था। पुलिस उसकी तलाश में लगातार जुटी हुई थी। दुजाना के खिलाफ हत्या, लूट, रंगदारी के कई मामले दर्ज थे। अनिल दुजाना से जुड़े कई किस्से अब सामने आ रहे हैं।

अनिल दुजाना गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर था। वह बादलपुर के दुजाना गांव में रहता था। उसका असली नाम तो अनिल नागर था। बाद में उसने अपना नाम अनिल दुजाना रख लिया।

अपराध की दुनिया में अनिल दुजाना का पहला कदम

उसने अपराध की दुनिया में पहली बार 2002 में कदम रखा था। तब उसके खिलाफ गाजियाबाद के कविनगर के हरवीर पहलवान की हत्या का आरोप लगा था। इसके बाद से उसके खिलाफ कई थानों में रंगदारी, लूट, हत्या और अपहरण के 60 से अधिक मुकदमे दर्ज हो गए। उसके खौफ से लोग कांपने लग गए थे। अनिल दुजाना पर 18 मर्डर समेत रंगदारी, लूटपाट, जमीन पर कब्जा, कब्जा छुड़वाना और आर्म्स एक्ट समेत 62 केस दर्ज थे। उस पर रासुका और गैंगस्टर एक्ट भी लग चुका था। बुलंदशहर पुलिस ने 25 हजार और नोएडा पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था। पुराने मामलों में अदालत में पेश नहीं होने पर उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया गया था।

अनिल दुजाना के दुश्मनों की तो कुख्यात माफिया सुंदर भाटी और उसके गैंग से उसकी रंजिश चल रही थी। दोनों की दुश्मनी में कई हत्याएं हो चुकी हैं। कहा जाता है दुजाना बेहद दुस्साहसी था। साल 2012 में दुजाना और उसके गैंग ने सुंदर भाटी और उसके करीबियों पर एके-47 राइफल से हमला किया था। दोनों गैंग सरकारी ठेकों, सरिया की चोरी और टोल के ठेकों को लेकर भिड़ते रहते थे। दुजाना को सुंदर भाटी से जान का खतरा था। यही वजह थी कि पुलिस दुजाना को बुलेटप्रूफ जैकेट में पेशी पर कोर्ट लेकर जाती थी।

शादी से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा 

बताते हैं कि बागपत के रहने वाले लीलू नाम के एक शख्स का राजकुमार से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। राजकुमार ने लीलू से मुकाबला करने के लिए अपनी दो बेटियों की शादी कुख्यात अपराधियों हरेंद्र खड़खड़ा और उनके भाई से करा दी थी। तब लीलू ने खुद को कमजोर मानकर अपनी बेटी पूजा की शादी हरेंद्र से भी बड़े अपराधी से करवाने की ठान ली थी। उनकी नजर तब तेजी से उभर रहे गैंगस्टर अनिल दुजाना पर टिकी और उसने अपनी बेटी पूजा की शादी उससे करवा दी। लेकिन अनिल दुजाना जेल में था और सवाल था कि शादी कैसे हो पाएगी, इसका भी तोड़ निकाल लिया गया।

16 फरवरी 2019 को एक मामले में अनिल दुजाना की ग्रेटर नोएडा की सूरजपुर कोर्ट में पेशी थी। इसी दौरान अनिल दुजाना की कोर्ट में ही पूजा से सगाई करवा दी गई। इसके बाद फरवरी 2021 में अनिल दुजाना जमानत पर बाहर आया और पूजा से शादी कर ली। शादी के बाद अनिल दुजाना के घर बेटी पैदा हुई लेकिन बावजूद उसने अपने परिवार की परवाह करते बिना अपराधिक गतिविधियां लगातार जारी रखीं। वह फरार चल रहा था, पुलिस ने उसे सुधरने के कई मौके दिए लेकिन पापी मन भला कहां मानने वाला। आखिरकार उसको मिट्टी में मिला दिया गया।

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