उत्तर प्रदेश को मिलने जा रही है नई सौगात। कल शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विधानसभा मे नए विधानभवन को लेकर घोषणा की।
कार्यवाही के दौरान कहा गया कि सरकार का लक्ष्य है कि 18वीं विधानसभा के कम से कम एक सत्र का आयोजन नये भवन में हो। सरकार का तर्क है कि यह फैसला बढ़ती जरूरतों के मुताबिक स्थान कम होने और आसपास बढ़ते यातायात के दबाव को देखते हुए लिया है और मौजूदा विधानभवन काफी पुराना है। यूपी सरकार ने साल 2023-24 के आम बजट में बतौर टोकन मनी 50 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया है।
आपको बता दें अभी के विधानसभा भवन को करीब 100 साल बीत चुके हैं। इस इमारत की नींव 15 दिसंबर, 1922 को तत्कालीन गवर्नर सर हरकोर्ट बटलर ने रखी थी। 21 फरवरी, 1928 को इसका उद्घाटन किया गया गया था। यह भवन करीब छह साल में बनकर तैयार हुआ था। इसका निर्माण कोलकाता की मेसर्स मार्टिन एंड कंपनी ने किया था और इसके मुख्य आर्किटेक्ट सर स्विनोन जैकब और एक भारतीय हीरा सिंह थे। उस समय इस इमारत को बनाने मे 21 लाख रुपये लगे थे। इस विधानभवन मे 403 विधायकों के बैठने की व्यवस्था है वहीं विधानपरिषद मे 100 लोगों के बैठने की व्यवस्था है।
2027 तक होगा पूरा होगा नए विधानभवन का निर्माण-
सरकार का लक्ष्य है कि 18वीं विधानसभा के एक सत्र का कार्य इस भवन में ही आयोजित किया जाए। इसके लिए नए भवन का निर्माण कार्य साल 2027 से पहले पूरा कराने की भी बात कही गई है। नया विधानभवन ईको फ्रेंडली होने के साथ ही भूकंपरोधी और आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा।
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