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New Parliament Building : स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा- BJP का दलित-आदिवासी विरोधी चेहरा सामने आ गया

 

नई दिल्ली। संसद के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किए जाने को लेकर तमाम विपक्षी दलों ने कड़ा ऐतराज जताया है। इसके साथ ही विपक्ष ने 28 मई को लोकार्पण कार्यक्रम का बहिष्कार करने का ऐलान भी किया है। इसी कड़ी में सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस मामले में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इस पीएम मोदी द्वारा संसद के नवनिर्मित भवन के उद्घाटन के प्रस्ताव को आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो को भी अपमानित करने का घिनौना खेल बताया है।

संसद के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण को लेकर छिड़ी बहस के बीच स्वामी प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को अपने ट्वीट में लिखा,' मा. द्रोपदी मुर्मू को महामहिम राष्ट्रपति के पद पर चुनाव कराते समय भाजपा ने आदिवासी समाज के सम्मान की दोहाई देते हुए अपनी पीठ थपथपाई थी, अब भाजपा महा. राष्ट्रपति के पद पर बैठाकर श्रीमती द्रोपदी मुर्मू जी से संसद का उद्दघाटन न कराकर जहाँ एक ओर राष्ट्रपति जी का अपमान करने के साथ संविधान, लोकतान्त्रिक परम्पराओं का अपमान कर रही हैं वहीं दूसरी ओर देश की जनता के साथ-साथ विशेष रूप से आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो को भी अपमानित करने का घिनौना खेल खेल रही है। आखिर भाजपा का दलित-आदिवासी व पिछड़ा विरोधी चेहरा सामने आ ही गया।'

मा. द्रोपदी मुर्मू को महामहिम राष्ट्रपति के पद पर चुनाव कराते समय भाजपा ने आदिवासी समाज के सम्मान की दोहाई देते हुए अपनी पीठ थपथपाई थी, अब भाजपा महा. राष्ट्रपति के पद पर बैठाकर श्रीमती द्रोपदी मुर्मू जी से संसद का उद्दघाटन न कराकर जहाँ एक ओर राष्ट्रपति जी का अपमान करने के साथ…

— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) May 25, 2023

इससे पहले बुधवार को उन्होंने अपने ट्वीट करके राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा ही संसद के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किए जाने की मांग की थी। उन्होंने लिखा, 'चूकि महा. राष्ट्रपति जी का पद देश का सर्वोच्च संवैधानिक पद (संविधान प्रमुख) है। राष्ट्राध्यक्ष भी महा. राष्ट्रपति ही होता है, इसलिए नई संसद का उद्दघाटन महा. राष्ट्रपति जी के ही कर कमलों द्वारा सम्पादित किया जाना चाहिए। भाजपा सरकार नई संसद का उद्घाटन मा. प्रधानमंत्री जी के द्वारा प्रस्तावित कर महा. राष्ट्रपति जी का अपमान कर रही है। महा. राष्ट्रपति जी का अपमान देश की जनता का अपमान है।'

चूकि महा. राष्ट्रपति जी का पद देश का सर्वोच्च संवैधानिक पद (संविधान प्रमुख) है। राष्ट्राध्यक्ष भी महा. राष्ट्रपति ही होता है, इसलिए नई संसद का उद्दघाटन महा. राष्ट्रपति जी के ही कर कमलों द्वारा सम्पादित किया जाना चाहिए। भाजपा सरकार नई संसद का उद्घाटन मा. प्रधानमंत्री जी के द्वारा…

— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) May 24, 2023

बता दें कि अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त संसद के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन कार्यक्रम 28 मई को प्रस्तावित है। इस भवन का लोकार्पण पीएम मोदी करने वाले हैं। वहीं, उद्घाटन कार्यक्रम के लिए सभी राजनीतिक दलों को निमंत्रण भेजा गया है। लेकिन पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन किए जाने के फैसले के विरोध कई विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम के बहिष्कार का ऐलान किया है। उनकी मांग है कि  नवनिर्मित भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा ही सम्पन्न हो। 

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