अतीक अहमद के खात्मे के बाद अब योगी सरकार पूरे उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त बनाना चाहती है इसीलिए उसने यूपी के कुछ ऐसे माफियाओं की लिस्ट बनाई है जिसमें अपराध को अपनी जागीर समझने वालों के नाम शामिल हैं। इस लिस्ट में शामिल एक ऐसा टॉप का गैंगस्टर है जिसने मशहूर सिंगर हिमेश रेशमिया को मौत के घाट उतारने की साज़िश रच डाली थी।यूपी के माफ़ियाओं और गैंगस्टर में एक बात तो बिल्कुल कॉमन है कि वे अक्सर किसी न किसी बदले की आग या किसी ग़लती के चक्कर में इनके एंट्री अपराध जगत में हो जाती है लेकिन एक गैंगस्टर ऐसा है, जिसकी माफिया जगत में एंट्री की कहानी काफी फिल्मी है।
ज़फ़र सुपारी जो अंडरवर्ल्ड का एक बड़ा गैंगस्टर है जिसकी दुश्मनी दाऊद इब्राहिम से है और दोस्ती छोटा राजन से है। उसी ज़फ़र सुपारी का छोटा भाई खान मुबारक, जिसने अंपायर को मौत के घाट उतारकर माफिया गिरी में एंट्री ली थी।
खान मुबारक का इतिहास
खान मुबारक के बड़े भाई ज़फ़र सुपारी ने 15 साल की उम्र में गांव के एक लड़के की हत्या कर दी थी। इस हत्या के बाद ज़फ़र की अपराध में एंट्री हो गयी थी। धीरे-धीरे वो छोटा राजन का सबसे करीबी बन गया। लोग बताते हैं कि ख़ान मुबारक पर अपने बड़े भाई का ही है असर पड़ा। घर में कोई रौबदार हो, तो अमूमन छोटे रौब का रास्ता पकड़ ही लेते हैं। यही खान मुबारक के साथ हुआ। खान मुबारक अब अपने बड़े भाई ज़फ़र सुपारी कि शह पर चल चुका था।
इस तरह खान मुबारक ने क्राइम की दुनिया में एंट्री ली
एक बार की बात है जब इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में एमए की पढ़ाई कर रहे खान मुबारक ने एक क्रिकेट मैच में हिस्सा लिया। क्रीज पर मुबारक बैटिंग कर रहा था।दौड़कर रन पूरा करने की जुगत में था, लेकिन दूसरी टीम ने गिल्ली उड़ा दी। अंपायर ने रनआउट दे दिया, अपील नहीं सुनी गयी। फिर मुबारक को ग़ुस्सा आ गया और उसने अंपायर की ऑन द स्पॉट गोली मारकर हत्या कर दी। क्राइम की दुनिया में खान मुबारक की अब सीधे-सीधे एंट्री हो चुकी थी।
इसके बाद उसकी क्राइम कुंडली में कई सारे अध्याय जुड़े। कभी डाकघर लूटने का तो, तो कभी किसी व्यापारी की रंगदारी के मामले में हत्या कर देना। कई सालों में उसका माफियागिरी का पेशा इतना फैल गया कि वो अंबेडकरनगर का सबसे बड़ा क्रिमिनल बन गया।
बहरहाल, इन्हीं सबके बीच छोटा राजन और पूर्वांचल के दूसरे माफ़िया मुन्ना बजरंगी के बीच अदावत शुरू हो चुकी थी। जब साल 2006 में खान मुबारक ने कथित तौर पर इलाहाबाद में डाकघर लूटा, तो इससे मुन्ना बजरंगी का माथा ठनका। कहा जाता है कि मुन्ना बजरंगी और उसके तमाम शूटरों की आरामगाह इलाहाबाद हुआ करता था। वारदात कहीं हो, मुन्ना बजरंगी गैंग आराम करने इलाहाबाद ही आती थी। खान मुबारक के एक्टिव होते ही आपराधिक सत्ता का संतुलन थोड़ा गड़बड़ हो गया। मुन्ना बजरंगी ने अपने ख़ास लोगों जैसे बंटी अफ़रोज़, संजीव जीवा और बच्चा यादव को नए शूटर जोड़ने के काम में लगाया था।
निर्णायक मोड़ तब आया, जब खान मुबारक ने मुन्ना बजरंगी के एक क़रीबी डॉक्टर से 25 लाख रुपए की रंगदारी मांग ली। इस बात का पता संजीव जीवा को लगा तो मुन्ना बजरंगी ने संजीव से खान मुबारक की चुग़ली कर दी। फिर खान मुबारक और मुन्ना गैंग के बीच शूटआउट का दौर शुरू हुआ। कभी झूंसी में तो कभी साउथ मलाका में, कभी सीधे खान मुबारक और मुन्ना के शूटरों के बीच, तो कभी दोनों के शूटरों के ही बीच, गोलीबारी होने लगी। जब शूटआउट बढ़े तो STF सक्रिय हुई, बताया जाता है कि जब पुलिस इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हॉस्टल में घुसी तो पूर्वांचल के कई सक्रिय शूटर हॉस्टल से दबोचे गए। इधर बंटी अफ़रोज़ ने छोटा राजन और ख़ान मुबारक के क़रीबी फ़िरोज़ को मार दिया। कहा जाता है कि इन घटनाओं के बाद पुलिस की दबिश बढ़ी तो खान मुबारक मुंबई चला गया, अपने भाई के साथ रहने लगा। इस दौरान छोटा राजन से उसकी क़रीबी और बढ़ गई। खैर वक्त बीतता गया और कई संगीन वारदातों को यह लोग अंजाम देते रहे।
हिमेश रेशमिया की हत्या की साजिश रच डाली
फ़िल्म जगत से जुड़े दो लोगों के मर्डर राजकुमार संतोषी और हिमेश रेशमिया की साजिश में भी खान मुबारक का नाम आता है। बताया जाता है कि इन दो लोगों की हत्या करने की सुपारी छोटा राजन ने ली थी। दोनों की हत्या के लिए शूटरों को लगाया जाना था। खास सहयोगी एजाज़ लकड़ावाला ने शूटरों की भर्ती का काम लिया। इसमें जेल में बंद खान मुबारक ने मदद की। लखनऊ और बाराबंकी से शूटर बुलाए गए लेकिन तब तक मुंबई क्राइम ब्रांच को इनके प्लान का पता चल चुका था। लिहाज़ा इनकी साजिश धरी की धरी रह गई।
आज की तारीख में खान मुबारक सलाखों के पीछे है। 2018 में फ़ैज़ाबाद जेल से उसका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उसने कहा था, “मुझ पर हमला करने की कोशिश की जा रही है। खान मुबारक एक न ख़त्म होने वाली ऑर्गनाइज़ेशन का नाम है। मुझ पर हमला हुआ तो खादी और ख़ाकी दोनों को ही नहीं बख़्शा जाएगा।”
अभी ख़ान मुबारक हरदोई जेल में बंद है। कहा जाता है कि उसके खिलाफ कोई गवाह नहीं मिलता इसलिए बाहर आना आसान हो जाता है। बाहर आते ही वो कई आपराधिक वारदातों को अंजाम देता रहता है। पर जब से उसका नाम योगी आदित्यनाथ की हिट लिस्ट में आया है तब से यूपी पुलिस अब उसके खिलाफ सख्त रवैया अपना रही है। यूपी पुलिस उसकी संपत्तियों की कुर्की करवा रही है। यकीनन उसके आपराधिक इतिहास को देखते हुए अब उसको मिट्टी में मिलाने की कवायद तेज़ कर दी गई है।
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