सपा नेता आज़म खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म की मुसीबतें कम होने का नाम ही नही ले रही है, मुरादाबाद की MP-MLA स्पेशल कोर्ट ने 13 फरवरी को उन्हें 2-2 साल की सज़ा सुनाई. आपको बता दें, कोर्ट का यह फैसला 15 साल पुराने एक मामले में आया है ,जिसमे आजम खान और अब्दुल्ला आजम को दोषी करार दिया है.यह मामला छजलैट में हुए हंगामे और जाम का था.
फिरसे जाएगी अब्दुल्ला आज़म की विधायकी-
रामपुर की स्वार सीट से विधायक अब्दुल्ला आजम की विधायकी फिर खतरे में पड़ गई है, इसके पहले भी जन्म प्रमाण पत्र मामले में गई थी विधायकी. यह अब्दुल्ला का दूसरा कार्यकाल होगा जब उनकी सदस्यता जाएगी. अब्दुल्ला के पिता व सपा के कद्दावर नेता आज़म खान को भी 2019 के हेट स्पीच केस में पिछले साल ही 3 साल की सजा के बाद रामपुर सीट से हाथ धोना पड़ा था.
जानकारी के लिए बता दें, सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि 2 साल की सजा मिलने पर किसी भी जनप्रतिनिधि की सदस्यता अपने आप खत्म मानी जाएगी. इस तरह से आजम खान परिवार का अब कोई भी सदस्य किसी सदन का सदस्य नहीं रह जाएगा जबकि एक समय उनके परिवार से तीन लोग विधायक-सांसद थे
जाने क्या है पूरा मामला –
मामले कि तह को जानने के लिए आपको 15 साल पीछे जाना होगा, यह वाकया है जनवरी, 2008 का ,जब एक वैवाहिक समारोह में शामिल होने जा रहे सपा नेता आजम खान और दूसरे सपा नेता को मुरादाबाद के छजलैट में पुलिस ने उनकी कार को चेकिंग के लिए रोका था. इस बात से आजम खान के समर्थक पुलिस से भिड़ गए थे. इसके बाद सपा के कार्यकर्ताओं ने काफी हंगामा किया था, जिससे जाम लग गया था.पुलिस ने हंगामा करने वाले 9 लोगों पर सरकारी काम में बाधा डालने और भीड़ को उकसाने के आरोप में केस दर्ज किया था.
आज 15 साल बाद कोर्ट ने आजम खान और अब्दुल्ला आजम को बवाल और सरकारी काम में बाधा डालने का दोषी मानते हुए 2-2 साल कि कैद कि सज़ा सुनाई,वहीं इस मामले के दूसरे 7 आरोपियों को बरी कर दिया गया है.
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