भारत का IT सेक्टर में बड़ी हिस्सेदारी हैं जिसका अब जर्मनी भी फायदा उठाना चाहता है। जर्मनी के चांसलर Olaf Scholz ने कहा है कि अब भारतीय इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी(IT}) एक्सपर्ट्स के लिए जर्मनी में वर्क वीजा हासिल करना अब काफीआसानहो जाएगा |
बेंगलुरु में चल रहे एक कार्यक्रम के दौरान Scholz ने कहा, "हम वीजा जारी करने को आसान बनाना चाहते हैं। हमारा उद्देश्य कानूनी व्यवस्था के साथ ही पूरे ब्यूरोक्रेटिक प्रोसेस को मॉडर्नाइज करना है।" Scholz ने बताया कि जर्मनी में जरूरत वाले स्किल्ड वर्कर्स के लिए उनके परिवार के साथ जर्मनी आना आसान बनाने की योजना है। पिछले सप्ताह दो दिन के भारत के दौरे पर आए Scholz के साथ वरिष्ठ अधिकारी और एक बिजनेस डेलिगेशन भी था। Scholz ने कहा कि जर्मनी को सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट की डिमांड को पूरा करने के लिए कई स्किल्ड वर्कर्स की जरूरत होगी |
Scholz ने कहा कि अब लोगों का बिना जॉब ऑफर के जर्मनी आना संभव हो सकता है। उनका कहना था कि भाषा से जुड़ी जरूरतों में छूट देने से जर्मनी को ऐसे प्रोफेशनल्स को आकर्षित करने में मदद मिलेगी जो इंग्लिश बोलने वाले देशों में जाना पसंद कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा,"यह स्पष्ट है कि IT स्पेशलिस्ट के तौर पर जर्मनी आने वाला कोई व्यक्ति आसानी से अपने सहकर्मियों के साथ बातचीत कर सकता है क्योंकि जर्मनी में बहुत से लोग इंग्लिश बोल सकते हैं। जर्मन बाद में सीखी जा सकती है।"
भारत की तारीफ करते हुए Scholz ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए बहुत अच्छी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत में IT के डिवेलपमेंट में तेजी आ रही है। Olaf का कहना था, "हमें टैलेंट की जरूरत है, हमें स्किल्ड वर्कर्स की जरूरत है। भारत में IT और सॉफ्टवेयर का डिवेलपमेंट बढ़ रहा है और देश में बहुत सी सक्षम कंपनियां हैं। भारत में काफी टैलेंट है और जर्मनी में हम इस टैलेंट को रिक्रूट करना चाहते हैं।" उन्होंने बताया कि भारत में लगभग 1,800 जर्मन कंपनियां मौजूद हैं और इन्होंने हजारों जॉब्स उपलब्ध कराई हैं।
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