साइंस एंड टेक्नोलॉजी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि हरियाणा के गोरखपुर गांव में जो कि फतेहाबाद जिले में स्थित है। उत्तर भारत का पहला nuclear पावर प्लांट बन रहा है। जिसकी आधारशिला 2014 में ही रख दी गई थी और जिसका काम अभी तक चल रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, काम में अभी तक कुल 20,594 करोड़ में से 4,906 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।
जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी शासन के दौरान न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना प्रमुख उपलब्धियों में से एक है। न्यूक्लियर एनर्जी विभाग के अनुसार, अभी तक न्यूक्लियर पावर प्लांट पहले देश के तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों या महाराष्ट्र में ही थे।
जितेंद्र सिंह ने शनिवार को नई दिल्ली में एक घोषणा कर जानकारी दी कि भारत में न्यूक्लियर पावर प्लांट की क्षमता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने 10 न्यूक्लियर परमाणु रिएक्टर की मंजूरी दे दी है।
आपको बता दें कि गोरखपुर न्यूक्लियर पावर प्लांट में 700 मेगावाट के दो यूनिट हैं। जिनमें प्रेशराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर लगे हुए हैं जो पूरी तरह स्वदेशी डिजाइन है।
न्यूक्लियर एनर्जी विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक कुल फाइनेंशियल प्रोग्रेस 23.8 परसेंट है। विभाग ने कहा कि दूसरे मैन प्लांट बिल्डिंग और बिल्डिंग स्ट्रेक्चर,जैसे फायर वाटर पंप हाउस, सेफ्टी रिलेटेड पंप हाउस, फ्यूल ऑयल स्टोरेज एरिया, वेंटिलेशन स्टैक, ओवर हेड टैंक, स्विच कंट्रोल बिल्डिंग और अन्य का निर्माण अच्छी तरह से चल रहा है।
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