प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी दलों को परिवारवाद की राजनीति का प्रतिबिंब और स्वार्थ का गठबंधन बताया है। दरअसल, गुरुवार को केंद्र सरकार के विरुद्ध विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने सदन में खूब छक्के - चौके लगाए, और इन छक्के - चौके मात्रा इतनी ज्यादा हो गयी की विपक्ष मैच खत्म होने से पहले ही पिच से वाकआउट कर गयी। जिसको लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने फिर विपक्ष पर सवालों की बौछार कर दी। उन्होंने कहा कि घमंडिया गठबंधन की बारात में हर कोई दूल्हा बनना चाहता है। अभी हाथों में हाथ हैं, किंतु हालात बदले तो छुरियां भी निकलेंगी।
पीएम मोदी ने विपक्षी नेताओं की महत्वाकांक्षा की ओर इशारा करते हुए कहा कि सबको पीएम बनना है। लेकिन इस बात से किसी को मतलब नहीं है कि किस राज्य में किसको-किसके साथ रहना है। कांग्रेस बंगाल में वामदल और तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ है लेकिन दिल्ली में साथ है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर कई तीखे सवाल भी उठाये उन्होंने कहा कि बाहर से तो एक हो गए हैं, लेकिन पुराने पापों का क्या होगा? जनता से कैसे छिपाएंगे।
पीएम मोदी ने दो उदाहरणों के साथ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी से ही सवाल कर डाला कि 1991 में वामदलों ने कांग्रेस के साथ कैसा व्यवहार किया था? पिछले वर्ष वायनाड में कांग्रेस कार्यालय में जिन लोगों ने तोड़फोड़ की, उनके साथ आज सदन में हाथ जोड़कर कैसे बैठे हैं? इसके साथ ही पीएम ने परिवारवाद पर विपक्ष को फिर घेरा और कहा कि स्वाधीनता सेनानी एवं संविधान निर्माता परिवारवाद के विरोधी थे, किंतु कांग्रेस ने उन्हीं का विरोध किया। कांग्रेस के दरबारी सिस्टम ने कईयों के विकेट लिए और कितनों का हक मारा। आंबेडकर को जी जान लगाकर दो बार हरवाया।
इस बीच पीएम ने इमरजेंसी को लेकर भी सवाल उठाये, उन्होंने कहा जगजीवन राम ने इमरजेंसी पर सवाल उठाए तो उन्हें भी नहीं छोड़ा गया और उनको प्रताड़ित किया गया। यही नाहिंन मोरारजी देसाई और चौधरी चरण सिंह को भी नहीं बक्षा गया।
इतना सब कहने के बाद भी पीएम मोदी नहीं थके और अपनी बैटिंग जारी रखी, इसके साथ ही UPA को श्रद्धांजली भी।
विपक्षी एकता पर कटाक्ष करते हुए पीएम ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले बेंगलुरु में पुराने संप्रग का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मुझे उसी वक्त सहानुभूति जतानी चाहिए थी, लेकिन देरी में मेरा कसूर नहीं है। क्योंकि आप खुद ही फेल मशीन पर नया पेंट लगाने का जश्न मना रहे थे। खटारा गाड़ी को इलेक्टि्रक व्हीकल दिखाने के लिए मजमा लगाया और क्रेडिट लेने के लिए आपस में सिर-फुटव्वल करने लगे। यही गठबंधन लेकर आप जनता के बीच जाएंगे?
मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर विपक्षी दलों को कांग्रेस के प्रति आगाह भी किया और कहा कि जिसके पीछे आप चल रहे हैं, उसमें देश की जुबान समझने और संस्कार की समझ नहीं है। पीढ़ी दर पीढ़ी ये लोग लाल एवं हरी मिर्च का फर्क नहीं समझ सके हैं। आइएनडीआइ की व्याख्या करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि खुद को जिंदा रखने के लिए इनको एनडीए का ही सहारा लेना पड़ता है, क्यूंकि घमंड का जो 'आइ' है, वह इन्हें छोड़ता ही नहीं है।
इस दौरान पीएम ने इंडिया के बीच डॉट लगाने को लेकर भी विपक्ष को खूब सुनाया। उन्होंने कहा पहला 'आइ' 26 दलों का घमंड है और दूसरा 'आइ' एक परिवार का घमंड। इन्हें लगता है कि देश के नाम का इस्तेमाल कर अपनी विश्वसनीयता बढ़ाई जा सकती है। तमिलनाडु सरकार के एक मंत्री के बयान पर एतराज जताते हुए पीएम ने कहा कि कांग्रेस के सहयोगी दल के एक मंत्री ने दो दिन पहले कहा है कि इंडिया उनके लिए कोई मायने नहीं रखता है। उनके मुताबिक, तमिलनाडु तो भारत में है ही नहीं। पीएम ने कहा कि आपके एलायंस में ऐसे लोग हैं, जो देश के अस्तित्व को नकारते हैं। आत्मा बची हो तो चिंतन जरूर करना।
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