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डिलीवरी के दौरान नवजात शिशु की मौत परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

दातागंज का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र किसी न किसी करतूत की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहता है।शुक्रवार रात एक नवजात शिशु की इसलिए मौत हो गई क्योंकि वहाँ तैनात स्टाफ नर्स को मुँह मांगी रकम नहीं मिली। स्टाफ नर्स के द्वारा डिलेवरी में देरी की गई क्योंकि ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स ने डिलेवरी के नाम पर 5 हज़ार रु मांगे परिजनों ने किसी तरह अपने साथियों से जोड़कर स्टाफ नर्स को2700 रु दिए तब जाकर स्टाफ नर्स ने डिलेवरी की जिसके बाद ही शिशु की मौत हो गई।जो शिशु दुनियां में नहीं आ पाया उसकी मौत सिर्फ इसलिए की गई कि उसके परिजन तुरन्त रिश्वत नहीं दे पाए।हालांकि शिशु की मौत के बाद रात में ही परिजनों ने जमकर अस्पताल में हंगामा काटा जिसके बाद ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स ने परिजनों को पैसे भी वापस किए लेकिन परिजनों ने यह कहकर पैसे नहीं लिए कि हम गरीब जरूर हैं लेकिन तुम्हारे जैसे गिरे हुए नहीं हैं।दातागंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बिना पैसे के डिलेवरी नहीं होती है।इसके प्रमाण कई बार जिम्मेदारों को मिल चुके हैं लेकिन खोखली कार्यवाही की जाती है या कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है।दातागंज के मोहल्ला अरेला निवासी सतीश ने बताया कि उनकी बेटी सोनी 28  को जब प्रसव पीड़ा हुई तो वह परिजनों के साथ उसे दातागंज के सामुदायिक स्वास्थ्य ले गए जहाँ उनसे पैसों की डिमांड की गई।अब वह पूरे मामले पर जिलाधिकारी से कार्यवाही चाहते हैं।

इस मामले में चिकित्सा अधीक्षक डॉ रिदेश भसीन ने स्टाफ नर्स का बचाव करते हुए बताया कि डिलेवरी ठीक प्रकार हुई थी बच्चा कैसे एक्सपायर हुआ इसकी जांच के लिए एक जाँच कमेटी गठित कर दी गई है।जब तक जाँच चल रही है तब तक स्टाफ नर्स को लेबर रूम की ड्यूटी से हटा दिया गया है।रिश्वत के मामले में अधीक्षक ने बताया कि यह मामला संज्ञान में नहीं है जांच में यह तथ्य सामने आते हैं तो उसके खिलाफ कठोरतम कार्यवाही की जाएगी।फिलहाल अस्पताल स्टाफ नर्स के बचाव में लगा रहा तथा पीड़ित पक्ष से समझौते का भी प्रयास करता रहा।


इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रदीप वार्ष्णेय ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है जाँच कराई जा रही है दोषी को किसी भी हाल में बख्सा नहीं जाएगा।

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