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Muzaffarnagar: मानव तस्करी विरोधी इकाई ने बालश्रम कर रहे हैं तीन नाबालिगों को रेस्क्यू कर बचाया

 

Muzaffarnagar: उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में श्रम विभाग, चाइल्ड हेल्पलाइन और मानव तस्करी विरोधी इकाई की संयुक्त कार्यवाही से हड़कंप मच  गया जिसमे थाना नगर कोतवाली क्षेत्र के मीनाक्षी चौक स्थित होटलों पर काम कर रहे तीन नाबालिगों को खतनाक श्रम प्रक्रिया में लिप्त बालकों का श्रम विभाग, चाइल्ड लाइन और मानव तस्करी विरोधी इकाई ने रेस्क्यू कर मेडिकल प्रशिक्षण के लिए भेजा। इस दौरान टीम की कार्यवाही का लोगों ने किया विरोध करते हुए पैसे लेकर बच्चों को छोड़ने का आरोप भी लगाया। जबकि एक महिला का आरोप है कि उसका 15 वर्षीय बेटा मीनाक्षी चौक स्थित एक होटल पर खाना लेने आया था।

 

श्रम प्रवर्तन अधिकारी शाहिद अली खान ने जानकारी देते हुए बताया कि शासन के निर्देशानुसार बाल श्रम का एक अभियान चलाया जा रहा है। उसी क्रम में श्रम विभाग ने आज थाना नगर कोतवाली क्षेत्र के मीनाक्षी चौक स्थित होटलों और खालापार में छापेमारी करते हुए खतरनाक श्रम में संलिप्त तीन नाबालिक बच्चों का रेस्क्यू कर जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य प्रशिक्षण के लिए भेजा, प्रवर्तन दल के अधिकारी शाहिद खान ने कहा कि मेडिकल प्रशिक्षण के बाद इन बच्चों को परिजनों के सुपुर्द करेंगे। उन्होंने बताया कि 3 बच्चों को गैर खतरनाक प्रकिया में लिप्त पाया गया। 

 

उनके मालिकों पर भी नियमों के तहत कार्यवाही की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि यह बच्चे होटलों पर वेटर के रूप में काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि आगामी 3 सालों में प्रदेश बाल श्रम मुक्त हो जाए उसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बहुत गंभीर है। हमारा विभाग और चाइल्ड लाइन वाले भी लगातार दुकानदारों को जागरूक करते हैं कि वह बाल श्रम ना कराएं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के बाद आरोपी मालिकों पर कार्यवाही की जाएगी। नाबालिग की माता सना खान का आरोप है कि उनका पुत्र होटल पर खाना लेने आया था तभी श्रम विभाग की टीम ने उनके 15 वर्षीय पुत्र का हाथ पकड़ कर लिया। और लेकर चले गए। 

 

रिपोर्ट- प्रवेश मलिक, मुजफ्फरनगर

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