मणिपुर हिंसा मामले में आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया कि मणिपुर में हुई जातीय हिंसा की जांच के लिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश स्तर के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाएगा। लगातार तीन दिनों तक राज्य के विभिन्न हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करने के बाद इंफाल में संवाददाता सम्मेलन में शाह ने मणिपुर के राज्यपाल की अध्यक्षता में एक शांति समिति के गठन और हिंसा में मारे गए लोगों के लिए मुआवजे की भी घोषणा की है।
अमित शाह ने कहा कि हिंसा के दौरान जितने भी मामले दर्ज किए गए हैं उनमें से कुछ मामलों की जांच सीबीआई से कराई जाएगी। शाह ने अपने बयान में कहा ‘मैं सभी मणिपुर वासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि किसी भी पक्षपात और भेदभाव के बगैर हिंसा के मूल तक जाकर जांच और दोषियों को दंडित करने की कार्रवाई की जाएगी, जिससे आगे ऐसी कोई घटना न हो सके’
उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान ना देने और राज्य में शांति बनाए रखने की अपील की और साथ ही उग्रवादी समूहों को चेतावनी दी कि वे अगर संचालन का निलंबन संधि का किसी भी प्रकार से उल्लंघन करते हैं तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई भी जाएगी ज भी दोषी पाए जायेंगे उन्हें सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। इसके साथ ही हथियारों की जब्ती के लिए भी पुलिस की टीम का गठन किया जाएगा जिससे की शांति भांग न हो।
शाह ने मुआवजे का ऐलान करते हुए घोषणा की कि हिंसा में जान गंवाने वालों के परिजनों को केंद्र सरकार की ओर से 5-5 लाख रुपये और राज्य सरकार की तरफ से पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद की जाएगी राशि दी जाएगी। इस दौरान उन्होंने अन्य राहत व पुनर्वास संबंधी घोषणाएं भी करि है।
Add Comment