महिलाओं के लिए रोजाना सफर करना और उससे जुड़ी समस्याओं का सामना करना आम बात हैं। फिर वो चाहें पब्लिक ट्रांसपोर्ट, ओला, उबर या रैपिडो हो, ड्राइव के बाद महिलाओं को मैसेज या कॉल करके परेशान करना साधारण बात है। हाल ही में एक ट्विटर अकाउंट husnpari से एक व्हाट्सएप चैट की पोस्ट तेजी से वायरल हो रही हैं। इस स्क्रीनशॉट को सोशल मीडिया पर साझा करने के बाद लोगों के कमेंट्स की लाइन लग गई।
बता दें कि ये मामला है एक रैपिडो चालक का महिला को आपत्तिजनक मैसेज भेजने का। रैपिडो ड्राइवर ने मैसेज में लिखा कि हेलो, सो गए? सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी डीपी और वाइस सुनकर आया था। उसने कहा लिखा कि मैं भईया वइया नहीं हूं। आप भी सुनकर हैरान है न लेकिन ऐसा होना महिलाओं के लिए अब आम बात हों चुकी हैं।
बता दें कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट, कैब या बाइक की सर्विस के नाम पर महिलाओं से छेड़छाड़, कॉल, मैसेज के मामले आए दिन देखने को मिलते हैं। हाल ही में एक ऐसा मामला सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के सामने आया। जहां महिला ने रैपिडो ड्राइवर पर देर रात 1 बजकर 25 पर मैसेज भेजने और परेशान करने का आरोप लगाया है। जानकारी के मुताबिक, महिला रात को करीब 11 बजे के आसपास अपनी लोकेशन रैपिडो ड्राइवर को भेजती है और 1 बजकर 25 मिनट पर ड्राइवर का मैसेज आता है। रैपिडो ड्राइवर की ये चैट्स देखकर लोगों ने महिला के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है।
shared my location with a captain at @rapidobikeapp and this is what i get???? FUCK YOUR APP FUCK YOUR MEN FUCK MEN pic.twitter.com/EHLqd7lpt5
— husnpari (@behurababe) March 12, 2023
महिला ने रैपिडो को टैग करके उनकी इस लापरवाही के लिए फटकार भी लगाई है। जिसके बाद रैपिडो संचालक की तरफ से सुरक्षा और आगे से ऐसी गलती न होने की बात कही गई है। लेकिन ये मुद्दा है लड़कों की सोच का। महिला की पोस्ट पर एक कॉमेंट्स देखकर लोग हैरान हैं। उस कॉमेंट्स में लिखा है कि "एक रैपिडो वाले भईया ने मुझे बताया था कि लड़के रैपिडो चलाते ही इसीलिए हैं कि वो लड़कियों को बिठा सके। यहां तक कि कुछ तो लड़कों की राइड को स्वीकार तक ही नहीं करते हैं।"
वहीं कुछ ने लिखा कि "ये तो आम बात है आए दिन हम औरतों को इसका शिकार होना पड़ता है।" ये कॉमेंट्स हैरान करने वाले हैं। वहीं रैपिडो केयर्स ने अपनी गलती स्वीकार करते हुऐ महिला से माफ़ी भी मांगी है। ऐसा देखते हुऐ लोगों का कहना है कि महिलाओं के लिए ट्रांसपोर्ट इकोसिस्टम तैयार करना चाहिए। जिससे महिलाएं खुद को सुरक्षित और सशक्त महसूस कर सकें।
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