आने वाली 5 फरवरी 2023 को माघ पूर्णिमा मनाया जायेगा जो हिंदू कैलेंडर में एक अति महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार माघ मास में किए जाने वाले पवित्र स्नान और तपस्या की महिमा का बहुत महत्व माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि माघ के पुरे महीने के हर एक दिन दान कार्य करने के लिए यह महिना विशेष होता है। माघ पूर्णिमा, जिसे माघी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, माघ माह का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। लोग माघ पूर्णिमा के दिन गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के संगम स्थान प्रयाग में पवित्र स्नान, दान, गाय और तरह-तरह कुछ अनुष्ठान करते हैं।
माघ के महीने में लोग प्रतिदिन सुबह गंगा या यमुना में स्नान करते हैं। पौष पूर्णिमा से शुरुआत होने वाला यह दैनिक स्नान माघ पूर्णिमा पर समाप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान लोगों के द्वारा किए गए सभी दान कार्य आसानी से फलित होते हैं। इसलिए लोग माघ महीने में अपनी क्षमता के अनुसार गरीब व जरूरतमंदों को दान देते हैं।
माघ पूर्णिमा का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा कर्क राशि में प्रवेश करता है। इसलिए माघी पूर्णिमा में प्रतिदिन सुबह गंगा या यमुना में पवित्र स्नान करने से सूर्य और चंद्रमा से जुड़ी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
पूजा विधि
- माघी पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पहले किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए।
- अपनी क्षमता के अनुसार गरीब, जरूरतमंद और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान देनी चाहिए।
- माघ पूर्णिमा के दिन तिल और काले तिल को विशेष रूप से दान में देना चाहिए।
इस दिन गायत्री मंत्र या 'ॐ नमो नारायण' मंत्र का लगातार 108 बार जप करना चाहिए।
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