नील मोहन यूट्यूब के नए सीईओ बन गए हैं। इन्होंने सुसैन वॉजकइक्की की जगह ले ली है जो 9 साल बाद अपनी भूमिका से हट रही हैं। नील अब उन भारतीयों मे शामिल हो चुके हैं जिन्होंने भारत का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है। इनमें माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेल, अडोब के सीईओ शांतनु नारायण और ऐल्फबेट के सीईओ सुंदर पचाई भी शामिल हैं। इंदिरा नाई 2018 में पद इस्तीफा देने से पहले 12 साल तक पेप्सिको के सीईओ थे।
आखिर कौन हैं नील मोहन?
47 साल के नील मोहन का जन्म 1976 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था। मोहन ने अपनी स्नातक की पढ़ाई स्टनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से की और स्तनफोर्ड ग्रैजूइट स्कूल ऑफ बिज़नस से एमबीए की डिग्री हासिल की।, जहां उन्हें आर्जे मिलेर स्कालर्शिप मिली। यह स्कालर्शिप केवल उन्हीं 10 प्रतिशत छात्रों को मिलती है जिनको सबसे जादा अंक प्राप्त होते हैं।
मोहन ने अपने करिअर की शुरुआत 'the andersan consulting' से 1996 में की थी। उसके बाद मोहन नेट ग्रवटी नाम के स्टार्ट अप से जुड़ गए जो बाद में एक इन्टरनेट ऐड्वर्टाइज़िंग कंपनी डबल क्लिक द्वारा खरीद लिया गया। मोहन ने अपना एमबीए खत्म करने के बाद फिर से डबल क्लिक से जुड़ गए और कंपनी में एक अहम भूमिका निभाई और 2007 में गूगल को बेच दिया और 2008 में फिर से गूगल से जुड़ गए।
2015 में मोहन मुख्य उत्पादक अधिकारी के रूप में यूट्यूब के साथ जुड़ गए। मोहन ने अपने 2010 से 2020 के कार्यकाल के बीच की कई बदलाव किये। जिनमें YOUTUBE MUSIC, YOUTUBE PREMIUM, YOUTUBE SHORTS शामिल हैं। यूट्यूब में उत्पादक अधिकारी रहते हुए मोहन ने यूट्यूब के अंदर यू एक्स टीम बनाई।
बीते सालों में कई कंपनियों ने मोहन को उनकी कंपनी में शामिल होने को कहा। techcrunch की एक रिपोर्ट ने 2011 में ट्विटर ने भी उनको ट्विटर में शामिल होने को कहा लेकिन मोहन ने वह ऑफर ठुकरा दिया।
Add Comment