कानपुर में मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत होने की घटना थमने का नाम नहीं ले रही है। कोई इस घटना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल उठा रहा है तो कोई अवैध कब्जे पर कार्रवाई करने की बात को सही कह रहा है। इसी घटना पर पूर्व सांसद वारसी अनिल शुक्ल ने बयान दिया है कि "महिलाओं में आग लगाने की टेंडेंसी होती है, उनका मरने का इरादा नहीं था। वो चाहती थी कि हम ये करेंगे तो ये लोग भाग जाएंगे लेकिन बड़ा हादसा हो गया।"
अनिल शुक्ल ने कहा, "बात आज की नहीं है, आगे भी इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी। कोई गैर-कानूनी काम होता है और उस पर कोई मर जाता है तो क्या प्रशासन और कानून को इतना ज्यादा खत्म कर देना चाहिए कि वह सही डिसीजन नहीं ले पाए?"
आगे उन्होंने कहा- बुलडोजर चलाने वाले बेगुनाह थे, वे अपनी ड्यूटी कर रहे थे, उनको जेल भेजा जा रहा है। भोले-भाले लोगों पर पर एफआईआर करके उनको जेल भेजना गलत है।
आपको बता दें कि अनिल शुक्ल वारसी पूर्व सांसद हैं। उन्होंने 2007 में बसपा के टिकट पर बिल्हौर से लोकसभा उपचुनाव जीता था। दो दिन पहले अनिल शुक्ल वारसी 'मैं ब्राह्मण हूं' महासभा के अध्यक्ष को चप्पल से पिटवाने के आरोप के बाद से चर्चा में आये थे।
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