भारत में टेलीकॉम इंडस्ट्री में इनवेस्टमेंट बढ़ रहा है। फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में भारत से 10 अरब डॉलर से अधिक का मोबाइल एक्सपोर्ट होने की उम्मीद जताई जा रही है। आत्मनिर्भर योजना के तहत केंद्र सरकार ने देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सेक्टर्स में प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम शुरू की है, जिसका उद्देश्य देश में मैन्युफैक्चरिंग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बढ़ाना, इनवेस्टमेंट हासिल करना, एक्सपोर्ट बढ़ाना और इम्पोर्ट पर निर्भरता को घटाना है।
कम्युनिकेशंस मिनिस्टर Ashwini Vaishnaw ने मीडिया से बात करते हुए कहा की, "आने वाले वर्षों में देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग तेजी से बढ़ेगी।" Ashwini ने बताया कि iPhone बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Apple ने पिछले डेढ़ सालो में देश में एक लाख से अधिक नए रोजगार उपलब्ध कराए हैं। उनका कहना था कि एक दशक पहले मोबाइल फोन की मैन्युफैक्चरिंग के लिए जरूरी अधिकतर कंपोनेंट्स का इम्पोर्ट किया जाता था और अब 99 प्रतिशत कंपोनेंट्स देश में बन रहे हैं। उन्होंने कहा, "टेलीकॉम एक उभरता हुआ सेक्टर है टेलिकॉम इंडस्ट्री ने 5G नेटवर्क शुरू करने का पहले फेज का टारगेट समयसीमा से पहले पूरा कर लिया है। देश में 387 जिलों तक 5G नेटवर्क पहुंच गया है।"
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सात वर्षों में मोबाइल डिवाइस मैन्युफैक्चरर्स और उनके सप्लायर्स की ओर से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से लगभग 20 लाख रोजगार बनाए गए हैं। स्मार्टफोन्स की शिपमेंट में अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में 27 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के बावजूद चाइनीज कंपनी Xiaomi पहले स्थान पर रही थी। इस अवधि में स्मार्टफोन्स की शिपमेंट घटकर 2.96 करोड़ की रही। यह इससे पिछले वर्ष की समान अवधि में 4.06 करोड़ थी।
मार्केट रिसर्च फर्म IDC की रिपोर्ट में बताया गया था कि इन्फ्लेशन अधिक होने से कंज्यूमर डिमांड घटने का स्मार्टफोन की सेल्स पर असर पड़ा है। पिछले वर्ष 25,000 रुपये से कम की कैटेगरी में स्मार्टफोन्स की शिपमेंट 15 प्रतिशत घटी हैं, जबकि 41,000 रुपये से कम की मिड-प्रीमियम और इससे अधिक की प्रीमियम कैटेगरी में यह क्रमशः 20 प्रतिशत और लगभग 55 प्रतिशत बढ़ी है। इसके अलावा 12,500 रुपये से कम की एंट्री लेवल स्मार्टफोन्स की कैटगेरी शिपमेंट्स घटकर लगभग 46 प्रतिशत की रही। IDC की रिसर्च मैनेजर Upasana Joshi ने बताया कि 12,000 रुपये से कम वाली कैटेगरी में नए लॉन्च घटने का सेल्स पर असर पड़ा है।
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