76 th Independence Day of India: 15 अगस्त, 1947 को हम अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुए थे और इस महीने की 15 तारीख यानी 15 अगस्त को हमारे देश की आजादी के 76 साल पूरे हो जाएंगे। 140 करोड़ की मौजूदा जनसंख्या वाले हिंदुस्तान को यूं ही अंग्रेजों से आजादी नहीं मिली थी, देश की आजादी के लिए लाखों हिंदुस्तानियों ने देश की मिट्टी को अपने खून से सींचा था। इस देश को आजाद कराने वाले सच्चे देशभक्तों के संघर्ष, हौसले और जुनून की जितनी तारीफ की जाए, वो हमेशा कम ही रहेगी। लेकिन आज हम यहां आपको देश की आजादी के उन संघर्षों के बारे में बताएंगे, जिन्हें जानने के बाद आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे.
क्या आपको पता है कि 1757 से लेकर 1947 तक अंग्रेजों का गुलाम रहा भारत -
भारत में अंग्रेजों की हुकूमत साल 1858 में शुरू हुई थी और 1947 तक चली थी। लेकिन इससे पहले, 1757 से लेकर 1857 तक भारत पर ब्रिटेन की ईस्ट इंडिया कंपनी का कंट्रोल था। लेकिन फिर एक वक़्त ऐसा आया जब देश के वीर स्वतंत्रता सेनानियों के साहस और बलिदान के आगे आखिरकार अंग्रेजों ने घुटने टेक ही दिए और करीब 200 साल तक अंग्रेजों की गुलामी करने के बाद भारत को 15 अगस्त, 1947 के दिन आजादी मिल ही गयी।
लेकिन इस आज़ादी की चिंगारी कब और कैसे उठी थी ,
अंग्रेजी हुकूमत से आजादी की लड़ाई की पहली चिंगारी साल 1857 में उठी थी। उस वक्त का विद्रोह, सिपाही विद्रोह या 1857 के भारतीय विद्रोह के नाम से प्रसिद्ध है। उस विद्रोह का नेतृत्व किसी और ने नहीं बल्कि मंगल पांडे ने किया था। मंगल पांडेय के अलावा झांसी की रानी लक्ष्मी बाई, बहादुर शाह जफर, तात्या टोपे और नाना साहिब ने भी 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ लोहा लिया था।
इसके बाद साल 1900 के आसपास देश में स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत हुई। स्वदेशी आंदोलन का नेतृत्व बाल गंगाधर तिलक और जेआरडी टाटा ने किया था। दरअसल, उस वक्त बाल गंगाधर तिलक और जेआरडी टाटा ने बॉम्बे स्वदेशी को-ऑप स्टोर्स कंपनी लिमिटेड की स्थापना कर विदेशी सामानों का बहिष्कार कर स्वदेशी सामानों का समर्थन करना शुरू किया था। महात्मा गांधी ने इस आंदोलन को स्वराज की आत्मा बताया था।
क्या आप जानते हैं, हमारे देश की शान , भारत के मौजूदा राष्ट्रिय ध्वज को कब डिज़ाइन किया गया था ,
साल 1921 में डिजाइन किया गया था भारत का मौजूदा राष्ट्रीय ध्वज
पहली बार , 7 अगस्त, 1906 को कोलकाता के पारसी बागान square पर भारत का झंडा फहराया गया था। उस झंडे में लाल, पीला और हरे रंग की 3 पट्टियां थीं। उसके बाद साल 1921 में पिंगली वेंकैया ने हमारे मौजूदा राष्ट्रीय ध्वज का पहला वैरिएंट डिजाइन किया था। ऊपर भगवा, बीच में सफेद जिसमें 24 तीलियों वाला अशोक चक्र मौजूद है और नीचे हरे रंग की पट्टी वाले झंडे को 22 जुलाई, 1947 को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में स्वीकार किया गया और फिर इस तिरंगे को 15 अगस्त, 1947 को फहराया गया।
अब बताते हैं कि भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत कब और कैसे हुई -
बता दें , दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 8 अगस्त, 1942 को महात्मा गांधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बॉम्बे सत्र में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई, इस आंदोलन को अगस्त क्रांति के नाम से भी जाना जाता है। और इसी आंदोलन के माध्यम से भारत में ब्रिटिश शासन को खत्म करने की मांग की गई थी।
क्या आप जानते हैं कि जब हमे आजादी मिली थी , उस वक्त हमारा कोई राष्ट्रीय गान नहीं था ,,
बता दें , आजादी के समय भारत का कोई राष्ट्रीय गान नहीं था. मौजूदा राष्ट्रीय गान 'भारत भाग्य विधाता', साल 1911 में रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था। जिसका नाम बाद में बदलकर 'जन गण मन' कर दिया गया था। फिर इसके बाद 24 जनवरी, 1950 में भारत की संविधान सभा ने जन गण मन को राष्ट्रीय गाम के रूप में स्वीकार कर लिया था।
हमारे देश का नाम कैसे रखा गया है और किसके नाम पे रखा गया है , क्या आप जानते हैं , बता दें , हमारे देश का नाम सिंधु नदी से लिया गया था। सिंधु नदी, महान सिंधु घाटी सभ्यता की गवाह है। भारत को 15 अगस्त, 1947 की आधी रात को स्वतंत्रता मिली थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि कोरिया, कांगो, बहरीन और लिकटेंस्टीन भी 15 अगस्त को ही अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं।
क्या आपको पता है वन्दे मातरम कहाँ से लिया गया है
बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखित भारत का राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' 1880 के दशक में लिखा गया था। और वंदे मातरम, बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखे गए उपन्यास 'आनंदमठ' का एक हिस्सा था। बता दें , वंदे मातरम को 24 जनवरी, 1950 को राष्ट्रीय गीत के रूप में मान्यता दी गई थी।
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