समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान की विधायकी 27 अक्टूबर 2022 को रामपुर के एमपी/एमएलए कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) से 3 वर्ष की सजा सुनाए जाने के बाद रद्द कर दी गई थी। इस मामले में आजम खान को रामपुर के विशेष एमपी/एमएलए सेशन कोर्ट से आजम खान को बरी कर दिया गया। अपील में एडीजे टू रामपुर अमित वीर जो एमपी/एमएलए विशेष सेशन कोर्ट रामपुर के न्यायाधीश ने 66 पन्नों की फैसले में ट्रायल कोर्ट में हुए बयानों और वकीलों की जिरह पर विचार करते हुए आजम खान को दोषमुक्त करने का फैसला सुनाया।
इस फैसले के बाद एक बार फिर अदालत की कार्यवाही चर्चा में आ गई। जब आजम खान के विरुद्ध हेट स्पीच की FIR दर्ज कराने वाले अधिकारी अनिल कुमार चौहान का स्टेटमेंट जो उन्होंने ट्रायल कोर्ट में जिरह के दौरान दिया था, सामने आ गया। इस स्टेटमेंट में अनिल कुमार चौहान ने कहा कि मैंने जो तहरीर लिखवाई थी, जिला निर्वाचन अधिकारी के दबाव में लिखवाई थी।
"सीडी में जो भाषण था उसे देखकर और सुनकर मुझे ऐसा लगा कि लोक प्रतिनिधि ने जो यह भाषण दिया है। जनता के बीच में विद्वेष पैदा करने वाला है और हिंदू मुस्लिम को लड़ाने वाला है। नेताओं, अधिकारियों को गंदी-गंदी गालियां देने वाला है और आचार संहिता का उल्लंघन करने वाला है। सीडी का अवलोकन करने के बाद सीडी में जो बातें थी उन्हें उनके आधार पर मैंने तहरीर लिखवाई थी।"
आजम खान के वकील विनोद शर्मा ने बताया, "अनिल कुमार चौहान फर्स्ट इनफॉर्मर थे उन्हीं के द्वारा एफआईआर पंजीकृत कराई गई थी। आगे उन्होंने बताया कि यह बात हमने अदालत में बताया और बाद में हमने उनसे क्रॉस एग्जामिनेशन करा और क्रॉस एग्जामिनेशन में बहुत सारी चीजें आई थीं। साथ ही और भी विटनेस थे, जिनसे हमने क्रॉस एग्जामिनेशन कराया।वीडियोग्राफी का अवलोकन करने पर पता चला कि ने सीडी देखकर इन्होंने FIR कराई थी। जिससे यह भी साफ हो गया कि हमें झूठा फंसाया गया है और अपील कोर्ट ने हमारी बात मानी और हमें अकुतल कर दिया।
रिपोर्ट- मुजासिम खान, रामपुर यूपी
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