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फर्जी लेप्टीनेंट कमांडर बनकर करोड़ों की ठगी, पूछताछ में किये चौंकाने वाले खुलासे

 


नौकरी के नाम पर फर्जी लेफ्टिनेंट कमांडर अतुल माथुर ने 4 साल में 35 युवाओं से ठगी की। ठगी से उसने तीन करोड़ से अधिक रूपये कमाये। आरोपी को एसटीएफ से नोएडा से कासगंज के नगला अस्थर सहावर गेट से गिरफ्तार किया था। वह नोएडा के आम्रपाली जोडियाक अपार्टमेंट के फ्लैट में रहता था। 

एसटीएफ आगरा यूनिट के निरीक्षक यतींद्र शर्मा ने बताया कि आर्मी इंटेलीजेंस की सूचना पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने बताया कि वह 35 लोगों को ठगी का शिकार बना चुका है। यह आगरा, मथुरा, कासगंज, अलीगढ़, फर्रुखाबाद के हैं। आरोपी ने चार साल में तकरीबन तीन करोड़ रूपये कमा लिए हैं। इससे गाड़ी और मकान तक खरीद लिए। अपने शौक पूरे करता था। उसकी ठगी का शिकार सैन्य कर्मी और पुलिस कर्मियों के रिश्तेदार भी बने हैं। रक्षा मंत्रालय के बाबू अजय से उसकी अच्छी जान पहचान है। वह फर्जी पास और पत्र भी जारी करता था। तीन की नौकरी लगवा दी थी। बाबू आरोपी से 35 लाख तक ले चुका है।

नौकरी कर सीखे तौर तरीके

अतुल ने बताया कि वह इंजीनियरिंग पास है। वह एक सेवानिवृत्त अधिकारी से मिला था फिर उनका चालक बन गया। वे सैन्य अधिकारियों से बात करते थे। जिससे उसने फाइटर प्लेन से लेकर नवल बेस की जानकारी ले ली। इसके बाद ही वो युवाओं को अपने जाल में फंसाता था। उसके पास से कैंट दिल्ली के दशमेश आर्मी स्टोर का बैग मिला है। आशंका है कि दुकानदार बिना आईडी कार्ड देखे ही उसकी वर्दी तैयार करते थे।

प्रेमिका के भाई को भी ठगा

पूछताछ में ये भी पता चला कि अतुल माथुर एक युवती के साथ लिव इन में रह रहा था। उसके साथ पढ़ता भी था। उसने युवती के भाई को भी झांसा दिया था। पुलिस के पकड़ने पर युवती ने गुस्सा जाहिर किया। इसके बाद युवती के भाई ने शिकायत की। युवती फर्रुखाबाद की रहने वाली है। आरोपी से रक्षा मंत्रालय का पत्र, आईडी कार्ड, डेबिट कार्ड सहित अन्य सामान बरामद हुआ है। इन पर लेफ्टिनेंट अतुल लिखा है।

आरोपी के पाकिस्तानी लिंक भी हैं

एसटीएफ ने आरोपी के पास से सवा लाख तक के दो मोबाइल बरामद किए। इसकी जांच में पता चला कि आरोपी ने सोशल मीडिया एकाउंट पर अपनी फोटो अपलोड की थी। यह फोटो फर्जी तरीके से तैयार की गई थी। इसमें वो खुद को फाइटर प्लेन के पास खड़ा दिखाता था तो कभी अधिकारी के साथ फोटो बना लेता था। इनके आधार पर ही उसके पास पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के कुछ लिंक आए थे। यह लिंक मोबाइल हैक करने के लिए होते हैं। आशंका है कि उसे नौसेना अधिकारी समझकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने लिंक भेजकर मोबाइल हैक किया होगा। एसटीएफ दोनों मोबाइल को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजेगी।

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