दिल्ली के CM अरविन्द केजरीवाल के घर के बाहर गुरुवार को भाजपा ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और इस प्रदर्शन के दौरान ही कहा कि जनता दिल्ली सरकार से पूछ रही है कि ACB एवं सतर्कता विभाग के होते हुए भी आखिर केजरीवाल की सरकार ने सेवानिवृत्त लोगों को लेकर FBU की स्थापना क्यों की।
फीडबैक यूनिट (FBU) को लेकर प्रदर्शन के दौरान भाजपा ने दिल्ली सरकार पर जमकर निशाना साधा। इसी बीच भाजपा कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि दिल्ली सरकार राजनीतिक विरोधियों के प्रति दुर्भावना से काम करती है, उनके दमन में विश्वास करती है।
कब हुआ फीडबैक यूनिट (FBU) का गठन
दमन के उद्देश्य से ही 1 फरवरी 2016 को केजरीवाल सरकार ने फीडबैक यूनिट (FBU) का गठन किया था, ताकि राजनीतिक विरोधियों, केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों, उपराज्यपाल कार्यालय, मीडिया हाउस, प्रमुख व्यापारियों ही नहीं न्यायाधीशों पर भी नजर रखी जा सके। उपराज्यपाल अविलंब इस संदर्भ में CBI को प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दें।सचदेवा ने कहा कि अराजक परिपाटी के कारण केजरीवाल सरकार ने इसकी स्थापना अपने कैबिनेट की स्वीकृति के आधार पर कर दी इस फीडबैक यूनिट में बिहार पुलिस से लाए गए 17 पुलिसकर्मी व अन्य कर्मचारी भी रखे गए।
इनका मुखिया सेवानिवृत्त सीआईएसएफ के डीआईजी को बनाया गया। FBU को 1 करोड़ रुपये का स्थापना फंड दिया गया, जिसे सीक्रेट सर्विस फंड का नाम दिया गया। करोड़ों का फंड निजी जांच एजेंसियों को देकर मुखबिर खड़े किए गए।
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