कैसरगंज से भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें फिलहाल कम होती नहीं दिखाई दे रही हैं। महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण का आरोप झेल रहे बृजभूषण शरण सिंह पर अब जो इल्ज़ामात लगे हैं वह तो एक अलग ही कहानी बयां कर रहे हैं। उन पर आरोप लगाया गया है कि हेल्थ सप्लीमेंट्स देने के बहाने वह महिला पहलवानों से सेक्सुअल फेवर की चाह रखते थे।
न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, यह आरोप एक गोल्ड मेडलिस्ट महिला पहलवान ने लगाए हैं। पहलवान ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस दिन वह एक बड़े टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीती थीं। बृजभूषण ने उन्हें अपने कमरे में बुलाया, जबरदस्ती अपने बगल में बैठाया और गले लगाने लगे। बकौल महिला पहलवान, ये सब उसकी सहमति के बिना किया गया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ऐसा कई सालों तक चलता रहा, जिस कारण वह अंदर से परेशान और डरी हुई थीं।
महिला पहलवान का आरोप है कि बृजभूषण ने कई साल तक उनका यौन उत्पीड़न और बार-बार अभद्र हरकतें कीं, जिसका उसे गहरा आघात लगा। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन आरोपों को लेकर धरना देने वाली सात महिला पहलवानों में से एक ने 21 अप्रैल को नई दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में एक आधिकारिक शिकायत में ये बड़े आरोप लगाए हैं। इस महिला पहलवान की पहचान गुप्त रखने के लिए उसका नाम नहीं दिया जा रहा है। अपनी शिकायत में महिला पहलवान ने कहा है कि उसने स्वर्ण पदक जीतने वाली रात को बृजभूषण शरण सिंह के ‘जबरन गले लगाने’ की घटना के बारे में एक वरिष्ठ पहलवान को बताया लेकिन कोई भी इस मामले में उसके साथ नहीं आया।
महिला पहलवान ने कहा कि उसने बृजभूषण के इस बर्ताव के बारे में अपनी मां से भी बात की। बृजभूषण शरण सिंह के बार-बार फोन करने के चलते उसे अपना पर्सनल मोबाइल नंबर बदलना पड़ा। जबरन गले लगाने की अपनी शिकायत में महिला पहलवान ने कहा कि वह गोल्ड मेडल जीतने के बाद अपने कमरे में आराम कर रही थीं। तभी एक फिजियोथेरेपिस्ट ने उसे बताया कि बृजभूषण उससे अपने कमरे में मिलना चाहते हैं। उसने सोचा कि बृजभूषण शरण सिंह उसे बधाई देना चाहते हैं और इसलिए उसने उनके कमरे में जाने का फैसला किया।
महिला पहलवान ने कहा कि इसी दौरान एक बार बृज भूषण शरण सिंह ने कहा कि अगर वो उनके साथ यौन संबंध कायम करती है तो वो उसके लिए न्यूट्रीशन सप्लीमेंट खरीदेंगे। महिला पहलवान ने अपनी शिकायत में कहा कि लगातार यौन उत्पीड़न और पीछा करने की इन घटनाओं से वह बहुत प्रभावित हुई। इस आघात से लड़ने में उसे काफी समय लगा, जिससे ट्रेनिंग और प्रतियोगिताओं के दौरान ध्यान केंद्रित करने की उसकी क्षमता पर खराब असर पड़ा। उसने उन जगहों पर जाने से परहेज किया, जहां बृजभूषण शरण सिंह के होने की उम्मीद होती थी।
बहरहाल, अब जो आरोप बृजभूषण शरण सिंह पर लगे हैं। ज़ाहिर है कि इससे उनके पसीने छूट गए होंगे लेकिन वह भी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। वह 3 दिनों बाद यानी 5 जून को अयोध्या के सरयू तट के किनारे बने राम कथा पार्क में जनचेतना महारैली करने जा रहे हैं। इस रैली में वह अपने बेगुनाह होने का डंका पीटने वाले हैं लेकिन वह ऐसा कर पाते, इससे पहले ही यूपी सरकार ने उन्हें बड़ी चोट दी है। जिला प्रशासन ने उन्हें रैली करने से साफ मना कर दिया है। धारा 144 की बात अलग कह दी जो कि बृज भूषण शरण सिंह के लिए एक चुभते तीर जैसा है। बताया जा रहा है कि इस रैली में 10 लाख लोगों के आने की संभावना है। लिहाज़ा बृजभूषण शरण सिंह ने भी जिला प्रशासन की चेतावनी को अनदेखा करते हुए अपनी महारैली की तैयारियां जारी रखी हुई हैं।
मतलब यह कहा जा सकता है कि बृजभूषण शरण सिंह अब योगी सरकार के खिलाफ लोहा ले रहे हैं जो उनके लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है। खैर दोनों तरफ से मुद्दा गरमाया हुआ है। जिससे पता चलता है कि आगे आने वाली लड़ाई और भी ज्यादा दिलचस्प होने वाली है।
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