बहराइच मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान किसी मरीज की मौत होती है तो सादे कागज के स्लीपर डॉक्टर अब लिख कर नहीं दे सकते हैं। मृतक के परिवार द्वारा प्रारूप चार को भरा जाएगा, इसके बाद ही शव को घर ले जा सकते हैं। इस प्रारूप को भरने से मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ अन्य कार्य में भी आसानी होगी।
स्टेट मेडिकल कॉलेज से संबद्ध महर्षि बालार्क जिला चिकित्सालय में प्रतिदिन किसी न किसी व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो जाती है। व्यक्ति के निधन पर मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर सादे स्लिप पर ही मौत का कारण लिख देते थे। जिससे परिवार के लोग शव लेकर चले जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इसमें मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने बदलाव किया है। अब इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले व्यक्ति के परिवार को अब प्रारूप चार भरकर देना पड़ेगा। इसके बाद ही वह शव लेकर जा सकते हैं। इस प्रारूप के भरने से मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में भी मृतक के परिवार को भटकना नहीं पड़ेगा।
अस्पताल के मैनेजर रिजवान अहमद ने बताया कि मौत होने पर परिवार को प्रारूप चार भरना अनिवार्य कर दिया गया है। जिसमें संबंधित के परिवार द्वारा पूरा प्रोफ़ाइल भरा जाएगा। इसके बाद वह शव लेकर घर जा सकते हैं। इससे मौत का कारण और अन्य की जानकारी कभी भी हासिल की जा सकती है। यह नियम एक सप्ताह से जिला अस्पताल में लागू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए लोगों को जानकारी भी दी जा रही है।
मृत्यु प्रमाण पत्र भी आसानी से मिलेगा
हॉस्पिटल मैनेजर रिजवान ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में सड़क हादसे, विषाक्त खाने या किसी अन्य कारण से इलाज के दौरान मौत होती है तो तो उसका अंकन प्रारूप पर किया जाएगा। जो प्रारूप भरा जाएगा, उसका आधा हिस्सा बीएचटी पर चढ़ा दिया जाएगा। जिससे कभी भी यदि कोई मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने आता है तो उसे प्रमाण पत्र बनवाने में आसानी होगी, कहीं भटकना नहीं पड़ेगा।
फॉर्म भरने के बाद ही बीएचटी पर होगी इंट्री
मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी में यदि किसी व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत होती है तो उसके परिवार को प्रारूप 4 भरना होगा। प्रारूप 4 भरने के बाद ही उसका अंकन बीएचटी पर किया जाएगा। फॉर्म के नीचे का हिस्सा फाड़कर परिवार को दिया जायेगा। इसके बाद ही आगे की प्रक्रिया बढ़ सकेगी।
रिपोर्ट- मो. आमिर, बहराइच
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