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Bahraich : जिले का जलस्तर पहुंचा चार गुना नीचे, वर्षा जल संचय करें किसान


बहराइच जिले में पानी का स्तर काफी नीचे होता जा रहा है। ऐसे में पानी के संरक्षण से ही हम सभी गिरते जलस्तर को नियंत्रित कर सकते हैं। ऐसे में बारिश के मौसम को देखते हुए किसान खेतों के पास ही तालाब बनवाकर जल का संचयन करें। यह बातें किसानों को कृषि वैज्ञानिकों द्वारा बताया जा रहा है।

जिले में बारिश शुरू हो गई है। तीन दिन में अच्छी बारिश हुई है। इससे किसानों की फसलों को लाभ मिल रहा है लेकिन बारिश का पानी बर्बाद न हो। इसके लिए किसानों को थोड़ी और मेहनत करने की जरूरत है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर विनायक शाही ने कहा कि किसान अपने खेतों के पास ही तालाब का निर्माण करवाएं, जिससे बारिश के पानी को तालाब में ही संचय किया जा सके। पानी को बर्बाद होने से रोका जा सकता है।

साथ ही इसका लाभ हमारे आने वाली पीढ़ी को भी मिल सकेगा। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र बहराइच प्रथम के द्वारा मिशन लाइफ एक्टिविटीज के अंतर्गत ग्राम दुर्गुपुर विकास खण्ड हुजूरपुर में वर्षा जल संरक्षण, श्री अन्न, मृदा स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण के बारे में किसानों को जागरूक किया गया।

केंद्र के वैज्ञानिक डा. नन्दन सिंह ने किसानों को वर्षा जल संरक्षण और मृदा स्वास्थ्य के महत्व और उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया। केंद्र के वैज्ञानिक सुनील कुमार ने श्रीअन्न के महत्व और उपयोगिता के बारे में बताया कि श्री अन्न के सेवन से जहां मानव समुदाय को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से निजात मिलेगी, वहीं हमारी धरती मां भी स्वस्थ होंगी। साथ ही उन्होंने बताया कि श्री अन्न की खेती के लिए उसे बहुत कम मात्रा में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों की आवश्यकता होती है। इससे हमारे किसान भाइयों के खेती में लगने वाली लागत में कमी आती है। इस कार्यक्रम में निकरा परियोजना के यंग प्रोफैशनल श्री कुसाग्र सिंह ने किसानों के पंजीकरण का कार्य किया। इस कार्यक्रम में कुल 30 किसानों ने प्रतिभाग किया।

पर्यावरण संरक्षण की ली शपथ

केंद्र के वैज्ञानिक डा.अरुण कुमार राजभर ने पर्यावरण के प्रति किसानों को जागरूक किया और पर्यावरण के संरक्षण के लिए शपथ भी दिलाई।  

चार गुना ऊपर पहुंचा जलस्तर

केंद्र के वैज्ञानिक डा. नन्दन सिंह ने किसानों को बताया कि वर्षा जल संरक्षण और मृदा स्वास्थ्य बहुत जरूरी है क्योंकि बहराइच का जल स्तर पहले दो से चार फीट पहले था। वही आज 7-8 फीट पर पहुंच गया है। ऐसे में किसानों को अपने खेत के आसपास ढलान को देखते हुए तालाब का निर्माण करना चाहिए।

रिपोर्ट- मो. आमिर, बहराइच

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