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Azamgarh School Case: श्रेया तिवारी ने की आत्महत्या या स्कूल में हुई हत्या की साजिश... 

 

माता-पिता अपने जीवन की सारी पूंजी अपने बच्चों की देखभाल और पढ़ाई-लिखाई में लगा देते हैं, लेकिन अगर अचानक कोई ऐसा हादसा आपके साथ हो जिसके बाद कभी आपका बच्चा आपके पास वापस ही न आये तो, ऐसी ही एक घटना  
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के एक स्कूल में एक हफ्ते पहले घटित हुई है। और अब इस घटना ने काफी तूल पकड़ लिया है, जिसके चलते पूरे राज्य में मंगलवार को सभी प्राइवेट स्कूलों को बंद रखा गया था। 

बता दें , यह मामला 31 जुलाई को कक्षा 11 की स्कूली छात्रा श्रेया तिवारी की आत्महत्या को लेकर शुरू हुआ था, जिसने अब नया मोड़ ले लिया है, ये लड़ाई अब पैरेंट्स बनाम प्राइवेट स्कूलों की जंग में बदल गयी है।

दरअसल, यह मामला स्कूल में 31 जुलाई के कुछ दिनों पहले श्रेया के पास कथित तौर पर एक मोबाइल फोन बरामद होने को लेकर शुरू हुआ था।  स्कूल प्रबंधन का कहना है कि फोन में कुछ गंभीर चीजें मिलने के बाद लड़की के अभिभावकों को बुलाने का निर्णय लिया गया था। जिसमे केवल माँ को बुलाने की बात की जा रही थी, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए उसके पिता को भी बुलाने की बात स्कूल की ओर से की गई थी। 

बेटी को खोने के बाद घर वालों ने स्कूल प्रिंसिपल के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।  श्रेया के घरवालों का आरोप है कि सूचना मिलते ही वह अस्‍पताल पहुंच गए थे। और जब उन्होंने बच्‍ची का शव देखा तो उनके होश उड़ गए थे। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने बच्ची को देखा तो उसका यूनिफार्म फटा चिटा था।  इसलिए उन्हें आशंका है कि उनकी बेटी के साथ दुर्व्‍यवहार कर उसकी हत्‍या कर दी गई है। परिजनों की ओर से हंगामा करने के बाद स्‍कूल के प्रधानाचार्य और क्‍लास टीचर को गिरफ्तार कर लिया गया था। 

इस घटना से न केवल स्कूल के बच्चे बल्कि अभिभावक भी बेहद दर गए हैं और अब वो अपने बच्‍चों को स्‍कूल भेजने को तैयार नहीं है। विद्यालय प्रशासन का कहना है कि छात्रा पर विद्यालय का कोई दबाव नहीं था।  परिजन के सारे आरोप निराधार हैं।  छात्रा के आत्महत्या के लिए विद्यालय न तो दोषी है और न ही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि वह मानसिक रूप से परेशान रहती थी। वहीं, दूसरी तरफ आजमगढ़ के अभिभावक ने 9 अगस्त को भी अपने बच्चों को स्कूल ना भेजने की बात कही है।  

बता दें, श्रेया आत्महत्या मामले में तीन टीमें गठित की गयी है। इस मामले में सीओ सिटी, एसएचओ सिधारी और महिला थाना सहित तीन टीमें गठित की गई थीं। जांच में पाया गया है कि छात्रा आत्‍महत्‍या से पहले प्रिंसिपल के कमरे में गई थी।  वहीं, जिस जगह पर छात्रा गिरी थी, वहां खून फैला हुआ था, जिसे स्‍कूल प्रबंधन द्वारा मिटाया गया था। पुलिस ने मामले की जांच साइंटिफ‍िक तरीके से करने की बात कही है।  

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