बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पहली बार आनंदीबेन पटेल शामिल हुईं। दीक्षांत समारोह में पदक पाने वाले सभी मेधावियों को बधाई दी और कहा कि मेडल प्राप्त करना गौरव की बात होती है। मगर मेरा मानना है कि पदक मिले या न मिले मगर हमारा जीवन मेडल जैसा होना चाहिए। आप सभी एक आदर्श भारतीय बनकर विश्व को चमकाएं।
आगे उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं ने प्रतिज्ञा ली है, उसे हमेशा याद रखना कि डिफेंस कॉरिडोर का काफी हिस्सा बुंदेलखंड से होकर गुजर रहा है। यहां सैन्य उपकरण बनने हैं। शिक्षक पता करें कि कौन से उपकरण झांसी, चित्रकूट, लखनऊ, कानपुर और अलीगढ़ में बनने हैं। उसकी तकनीक सिखाने के लिए यूनिवर्सिटी कोर्स शुरू करे। जिससे छात्रों को रोजगार मिल सके।
कुलाधिपति ने कहा कि 2023 को मोटे अनाज के वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसमें सभी की सहभागिता होनी चाहिए। हर घर में रेसिपी बननी चाहिए। आंगनबाड़ी केंद्रों में भी मोटे अनाज के व्यंजन बनने चाहिए। यदि बच्चों को मोटा अनाज खिलाएंगे तो कोई भी कुपोषित नहीं रहेगा। कहा कि सबसे ज्यादा गेहूं मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में उगाया जाता है। अब मोटे अनाज की बुवाई भी बढ़ानी होगी। पूरा विश्व भारत से मोटे अनाज की मांग कर रहा है।
पहली बार बीयू के दीक्षांत समारोह में आईं आनंदीबेन
बता दें कि कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल पहली बार बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुई हैं। जुलाई 2019 में वे यूपी की राज्यपाल बनीं। इसके बाद बीयू का 26 सितंबर 2019 को 24वां, पांच फरवरी 2021 को 25वां और 11 जनवरी 2022 को 26वां दीक्षांत समारोह हुआ। मगर कभी कोविड तो कभी मौसम खराब होने की वजह से कुलाधिपति समारोह में शामिल नहीं हो पाईं।
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