लखनऊ। मोदी सरकार के कार्यकाल के 9 साल पूरे होने पर सत्ताधारी भाजपा देशभर में महा जनसंपर्क अभियान चला रही है। जिसमें भाजपा के मंत्री, सांसद, विधायक और पदाधिकारी सरकार की उपलब्धियों को आम जनता को बताएंगे। इस अभियान को लोकसभा चुनाव की तैयारियों के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को इस अभियान को लेकर भाजपा पर निशाना साधा।
अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, 'उप्र में भाजपा के सांसदों और विधायकों ने काम किया होता तो भाजपा को अपने महा जनसम्पर्क अभियान के लिए बाहर से मंत्रियों को न बुलाना पड़ता। भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता भी इसीलिए निराश व निष्क्रिय हैं। ये महा जनसम्पर्क अभियान बता रहा है कि भाजपा का गाँव-गरीब से सम्पर्क टूट चुका है।'
उप्र में भाजपा के सांसदों और विधायकों ने काम किया होता तो भाजपा को अपने महा जनसम्पर्क अभियान के लिए बाहर से मंत्रियों को न बुलाना पड़ता। भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता भी इसीलिए निराश व निष्क्रिय हैं। ये महा जनसम्पर्क अभियान बता रहा है कि भाजपा का गाँव-गरीब से सम्पर्क टूट चुका है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 26, 2023
डिप्टी सीएम ने किया पलटवार
सपा प्रमुख के इस ट्वीट पर पलटवार करते हुए यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यदि सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सलाहकार अच्छे होते तो वह इस प्रकार ट्वीट न करते। उनका ट्वीट अल्प ज्ञान को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सपा के यूपी को छोड़कर अन्य राज्यों में कोई भी सांसद और विधायक नहीं है, जबकि भाजपा की केंद्र व देश के कई राज्यों में सरकारें हैं।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के कार्यक्रमों में सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी जाती है। अलग-अलग राज्यों में भेजा जाता है। उनको भी महाराष्ट्र में ज़िम्मेदारी सौंपी गयी है। पार्टी अध्यक्ष का कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपने का अधिकार होता है।
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